उपचुनाव के नतीजो का उत्तराखंड की राजनीति पर पड़ेंगा दूरगामी प्रभाव -धीरेंद्र प्रताप
उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने आगामी 17 अप्रैल को होने वाले सल्ट विधानसभा के उपचुनाव के नतीजे का उत्तराखंड की राजनीति पर दूरगामी प्रभाव पढ़ने का विश्वास जताया है।
अल्मोड़ा जनपद मुख्यालय से करीब डेट सौ किलोमीटर दूर गढ़वाल कुमाऊं की सीमा पर सुदूर ग्रामीण अंचल मैं भितकोट क्षेत्र में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए धीरेंद्र प्रताप ने भाजपा पर राज्य के विकास को गर्त में डालने का आरोप लगाते हुए स्थानीय लोगों से आह्वान किया कि वे 2022 के होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव मैं परिवर्तन की लहर को दम देने के लिए और क्षेत्र के विकास को एक नया आयाम देने के लिए 17 अप्रैल को कांग्रेस प्रत्याशी गंगा पंचोली को जिताने का काम करें ।क्योंकि इससे राज्य की भविष्य की राजनीति पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा ।
उन्होंने कहा कि 4 साल के बाद जिस तरह से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर तीरथ सिंह रावत को नया मुख्यमंत्री बनाया गया है उससे स्पष्ट हो गया है कि पिछले 4 साल के भाजपा कार्यकाल के लिए विफलता का ठीकरा त्रिवेंद्र सिंह रावत के सिर पर फोड़ दिया गया है और भाजपा ने मान लिया है कि पिछले 4 साल में जो राज्य का विकास ठप हो गया था उससे जनता का ध्यान हट जाए इसीलिए तीरथ सिंह रावत को नए मुख्यमंत्री के रूप में उत्तराखंड में ताजपोशी की गई है। उन्होंने राज्य में सड़कों की बदहाल स्थिति दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई के बुरे हाल और विकास चौपट होने का भाजपा नेतृत्व पर आरोप लगाते हुए कहा कि अब समय आ गया है जनता 2017 में लिए गए भाजपा को सत्ता में लाने के फैसले पर पुनर्विचार करें और 17 अप्रैल को कांग्रेस प्रत्याशी को जीता कर राज्य के एक नए विकास का नया मार्ग प्रशस्त करें। उन्होंने देश में किसानों की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जिस देश में जय जवान जय किसान का नारा लगता था आज वहां “जय अंबानी जय अडानी” के नारे लगाए जा रहे हैं .जो देश में साठ फीस दी गरीबी और बदहाली में रहने वाले लोगों का घोर अपमान है ।
इस मौके पर जिला पंचायत पौड़ी के पूर्व अध्यक्ष केसर सिंह नेगी कांग्रेस नेता नारायण सिंह,रघुवीर बिष्ट ,देवेंद्र सिंह रावत ,रूप सिंह रावत दिक्का देवी समेत तमाम नेताओं ने अपने भाषण में भाजपा को निशाना बनाया और राज्य की चरमराती आर्थिक स्थिति और बदहाल हालत को देखते हुए कांग्रेस की राज्य की सत्ता में वापसी का जनता से आव्हान किया और कहा कि यदि उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के शहीदों के सपनों को पूरा करना है तो राज्य में भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने और जनहितकारी सरकार की वापसी को सुनिश्चित करना होगा।