उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन के साथ ही पिछली त्रिवेन्द्र सरकार के एक के बाद एक फैसले पलटे जाने से चार धाम पुरोहितो को भरोसा हो गया था कि देवस्थानम बोर्ड को भी निरस्त किया जायेगा | उन्हें खुद नए मुख्यमंत्री से इस बात का भरोसा मिला था कि बोर्ड पर पुनर्विचार किया जायेगा | इसी बीच पर्यटन मंत्री ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर जो बयान दिया उससे तीर्थ पुरोहितो कि भृकुटी तन गयी है |
उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज द्वारा देवस्थानम बोर्ड के संबंध में कि गयी टिपण्णी से नाराज गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितो ने गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखवा में कैबनेट मंत्री का पुतला दहन किया | पुरोहितो ने आरोप लगाया कि कैबनेट मंत्री ने अपने बयान में देवस्थानम बोर्ड पर कोई पुनर्विचार नहीं होने कि बात कही है | नाराज पुरोहितो ने गंगा माता के शीतकालीन प्रवास मुखवा में मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश कुमार के नेतृत्व में पुतला दहन का किया और साथ ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह से ऐसे मंत्री को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग उठाई |
गौरतलब है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने चार धाम के शिष्टमंडल को भरोसा दिलाया था कि देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार किया जायेगा, और 51 मंदिर देवस्थानम बोर्ड से बाहर होंगे | अपनी इस लंबित मांग के लिए तीर्थ पुरोहित आंदोलन कि रणनीति बनाने में जुट गए है | 11 जून को गंगोत्री में काली पट्टी बांधकर कर गंगा मैया का पूजा अर्चना की जाएगा और 21 जून से अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन किया जाएगा|
पुरोहितो ने कहा कि सतपाल महाराज का नाम धर्म से जुड़ा हुआ है इसके बाद भी इस प्रकार का बयान देना मंत्री कि गरिमा के अनुकूल नहीं है | उन्होंने कहा कि आज उत्तराखंड के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब चारों धामों में किसी मंत्री का पुतला दहन किया जा रहा है |