उत्तराखंड मे नेता हल्द्वानी से विधायक और नेता प्रतिपक्ष इन्दिरा हरिदेश के निधन के बाद उत्तराखंड कॉंग्रेस की राजनीति ने नया मोड आ गया है | सबसे पहला जुगाड़ सदन मे नेता विपक्ष बनने को लेकर लोबिंग का है | जिसमे सबसे पहला नाम रानीखेत से विधायक कारण माहरा का है जो वर्तमान मे उप नेता विपक्ष भी है क्या उन्हे नेता विपक्ष बनाया जा सकता है? या जागेश्वर से विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल को ये ज़िम्मेदारी दी जा सकती है, कुंजवाल पूर्व मे विधान सभा के अध्यक्ष रह चुके है | दोनों नेता हरीश रावत के गुट के माने जाते है |
दरअसल प्रदेश कॉंग्रेस मे इन्दिरा हरिदेश और पीसीसी चीफ़ प्रीतम सिंह एक साथ मिलकर हरीश रावत की चाह मे रोड़ा बन रहे थे | हरीश रावत बार – बार विभन्न मंचो से विधान सभ चुनाव 2022 मे सीएम का चेहरा चोषित करने की मांग कर रहे थे, जबकि प्रीतम सिंह और इन्दिरा हरिदेश एक सुर मे सामूहिक नेतृत्व की मांग पर अड़े थे | इन्दिरा की मौत के बाद हरीश रावत राजनैतिक रूप से मजबूत तो हुए है | ऐसे मे सीएम के चेहरा नहीं भी बनाया तो चुनाव संचालन समिति का अध्यक्ष तो बनाया ही जा सकता है | नेता विपक्ष पर पीपीसी चीफ़ प्रीतम सिंह के नाम की भी चर्चा है लेकिन क्या उन्हे दोहरी ज़िम्मेदारी दी जा सकती है ? ऐसे मे पीसीसी चीफ़ के पद पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की नजर भी लगी है हाल ही मे उन्होने प्रेदेश प्रभारी देवेंद्र यादव से से मुलाक़ात की थी, और वे दिल्ली मे डेरा डाले हुए है | इसी बीच जातीय समीकरण को देखते हुए गढ़वाली ब्राहमण गणेश गोदियाल और कुमाऊ ब्राह्मण प्रकाश जोशी का भी नाम सामने आ रहा है | प्रकाश जोशी कॉंग्रेस की रास्ट्रीय राजनीति मे अपना योगदान दे चुके है |