कोरोना लौक डाउन के बाद से लगातार वापस उत्तराखंड लौटते प्रवासियों को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से जोड़ने की बाते खूब प्रचारित की जा रही है एक लंबा अरसा गुजर गया किन्तु धरातल पर अभी तैयारियो को ब्लॉक स्तर पर अधिकारी धता बता रहे है | अधिकारियों की अकर्मण्यता के चलते अब योजना पर सवाल उठने लगे है | जमीन पर आंकड़ा तैयार नहीं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की सफलता का और छिनवी पंडित चुनावी मोड मे आ गए | अब लोगो के बीच जाएंगे को सवाल तो लोग पूछेंगे ही | बिपक्षी काँग्रेस भी मानता है कि योजना मे कही कोई कमी नहीं है किन्तु उसको धरातल मे उतारने की तैयारिया अभी दूर दूर तक दिखाई नहीं देती है | सबसे बड़ा सवाल उन ग्रामीण इलाको के लिए जहा इंटरनेट नहीं है वो वे लोग कैसे ऑनलाइन फार्म भरे? जिन्होने किसी तरह फार्म भर लिए है उन्हे बैंक खूब चक्कर कटा रहे है | अभी तक कितने प्रवासी जिले मे आए और कितने लोगो ने अप्लाई किया कितनों को बैंक ने लोन दिया और कितने लोगो ने निजी प्रयास से ही स्वरोजगार को अपनाया इसका कोई आंकड़ा जिले के पास मौजूद नहीं है| ऐसे मे मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना कहाँ लाभकारी है और कहा सुधार की जरूरत है कैसे पता चलेगा इतना ही नहीं कौन सा स्व रोजगार किस खास इलाके के लिए मुफीद बैठ रहा है ये भी तभी तो पता चलेगा ये सब तब हो रहा है जब राजनैतिक दल चुनावी मोड मे आ गए है और उन्हे इन्ही सवालो के जबाब जनता को देने है|
डीएम उत्तरकाशी मयूर दीक्षित ने समस्त खंड विकास अधिकारी अपनी कार्यशैली में बदलाव लाते हुए अधिक से अधिक स्थानीय एवं प्रवासियों को रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ना सुपर ज़ोर देने को कहा है |
जिलाधिकारी ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के चलते अधिक संख्या में प्रवासी अपने घर,गांव लौटे हैं। सरकार की मंशा है कि उन्हें उनके गांव में ही स्वरोजगार एवं रोजगार देते हुए आत्मनिर्भर बनाना है। पलायन की दृष्टिगत भी यह जरूरी है कि स्थानीय एवं प्रवासियों को उनके घरों एवं गांव में ही रोजगार/स्वरोजगार के साधन सुलभ कराए जाएं।
रोजगार व स्वरोजगार पर जोर देते हुए जिलाधिकारी श्री दीक्षित ने ब्लाक वार प्रभारी अधिकारियों व रोजगार सेवको की तैनाती की है। जो स्थानीय व प्रवासी बेरोजगारों का सर्वे व सत्यापन कर हर सप्ताह रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। सर्वे रिपोर्ट में कोरोना काल में प्रवासी कहां से आया है,उसे अब तक रोजगार मिला है या नही, आगे उसने अपने स्वरोजगार अपनाने के लिए सरकारी विभागों व बैंक में आवेदन किया है अथवा नही । इन सबका डेटा बारीकी से तैयार करने के निर्देश दिए है। इस हेतु जिले स्तर पर जिला सेवायोजन अधिकारी विनायक श्रीवास्तव को नोडल अधिकारी बनाया गया है। जो जनपद के बेरोजगारों की सही रिपोर्ट तैयार करेंगे। साथ ही रेखीय विभागों से समन्वय कर बेरोजगारों को स्वरोजगार से जोड़ने व मार्गदर्शन भी करेंगे।
जिलाधिकारी ने डेयरी,मत्स्य, उद्यान,कृषि, बाल विकास, पशुपालन,उद्योग,आजीविका सहकारिता,परिवहन,पर्यटन विभाग की रोजगार/स्वरोजगार परक योजनाओं की समीक्षा करते हुए अधिक से अधिक लोगों को रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ने के स्पष्ट निर्देश अधिकारियों को दिए है।