उत्तरकाशी – कूड़े से भी मलाई निकालने वाली मशीन – नया अविस्कार ?

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शिवनगरी उत्तरकाशी को कूड़े के श्राप से कब मुक्ति मिलेगी । इस बार कौन बनेगा भगरिरथ जो नगर को कूड़े कि दुर्गंध से मुक्ति दिला सकेगा क्यिंकी जिला प्रशासन सरकार और न्याय विभाग से अब लोगो कि उम्मीद टूटने लगी है   

गंगोत्री और यमुनोत्री का मायका उत्तरकाशी नेशनल हाईवे और शहर के प्रवेश द्वार पर ही कूड़े का ढेर यात्रियों का स्वागत करता दिखाई देता है .

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तामाँ खानी टनल के पास यह कूड़े का ढेर गंगा नदी के एकदम किनारे लगाया गया है नगरपालिका उत्तरकाशी का 5 वर्ष का कार्यकाल समाप्त होने को है,  तमाम सभासद सहित अध्यक्ष के दावेदारों के घोषणा पत्र में कूड़े को प्रमुख मुद्दा बनाया गया था,  इसके बावजूद भी कूड़े का निस्तारण आज तक नहीं हो सका,  ऐसा नहीं है कि इसके लिए प्रयास नहीं हुए । नगर पालिका ने अलग-अलग स्थानों पर कूड़ा निस्तारण के लिए जिला प्रशासन से जगह  मांगी थी , जहां पर स्थानीय ग्रामीणों के विरोध के बाद कूड़ा निस्तारण केंद्र नहीं बन सका।  पालिका प्रशासन ने वार्ड नंबर 3 तिलोथ  के ग्रामीणों को किसी तरह समझा बुझा कर किसी तरह से समझौता कर कूड़ा निस्तारण के लिए भूमि तलाश कर ली और इसके लिए शासन से ₹एक करोड़ 16 लाख  की पहली किस्त आवंटित भी हो गई लेकिन कूड़ा निस्तारण केंद्र फिर से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया । स्थानीय निवासी अमेरिकन ने आरटीआई के माध्यम से जो जानकारी मांगी उसके बाद जो खुलासे हुए उसे जिला प्रशासन के भी पैरों तले जमीन खिसक गई । आरोप है कि पालिका ने कूड़ा निस्तारण केंद्र की डीपीआर ही गायब कर दी,   इसके अलावा स्वीकृत धनराशि से दोगुना धनराशि खर्च कर दी और काम फिर भी पूरा नहीं हो सका इतना ही नहीं ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए जीएसटी का भी पालिका से ही भुगतान कर दिया गया ।  आरटीआई से मिली जानकारी के बाद जिला प्रशासन ने जांच बैठाई और आरोपों को सही पाया । जांच के बाद जिला प्रशासन उत्तरकाशी ने अपने स्तर से कार्यवाही करने के बजाए शासन को रिपोर्ट भेज दी ।

अबे शासन  कब और क्या फैसला है ये अभी कहा नहीं जा सकता , मगर उतना तय है कि अभी लंबे समय  तक उत्तरकाशी के नसीब में कूड़ा और उसकी दुर्गंध बनी रहने वाली है । चार धाम यात्रा शुरू होने को है और नगर के प्रवेश द्वार पर गंगा के किनारे आज भी कूड़े का ढेर यूं ही पालिका और उत्तरकाशी के नागरिकों के बीच की प्रेम कहानी बयान कर  रहा है ।

तो क्या उत्तरकाशी को कूड़े के श्राप से कभी मुक्ति नहीं मिलेगी?

चलिए हमारे साथ सामाजिक कार्यकर्ता अमेरिकन पुरी लाइव जुड़  रहे हैं

उन्हीं से जान लेते हैं कि उनकी कलम हालांकि कई खुलासे करती रही है लेकिन नगरपालिका के घोटाले उजागर करने में तो  उनको विशेष महारत हासिल हो चुकी है

एक बार नगर पालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल  से भी  से जान लेते हैं कि वे पालिका के पक्ष में क्या कहते हैं और कब तक नगर को कूड़ा निस्तारण से केंद्र मिल सकेगा और दुर्गंध से मुक्ति मिलगी

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