गाव के छोटे और प्रदेश के बड़े प्रधान {सीएम} के बीच उलझा जल जीवन मिशन – टेंडर पर बिगड़े प्रदेश भर के प्रधान

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सरकार की महत्व पूर्ण जल जीवन मिशन योजना को लेकर जल संस्थान और जल निगम द्वारा टेंडर निकले जाने की सूचना के बाद प्रदेश भर के प्रधान विरोध मे आ गए है| ब्लॉक स्तर पर अपना विरोध जताने के बाद 24 और 25 अगस्त को दो दिन प्रधानो ने सभी जिला स्तर पर अपना विरोध प्रदर्शन किया _विरोध की अगली कड़ी मे राजधानी देहारादून के परेड ग्राउंड मे सितंबर की पहले सप्ताह मे प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन किया जाएगा ।

प्रधान संगठन के प्रदेश महामंत्री प्रताप रावत ने बताया कोरोना महामारी के बाद जब प्रवासी अपना रोजगार छिन जाने के बाद बड़ी उम्मीद के साथ अपने गाव कि लौट आया है तो उसे पंचायतों मे रोजगार मिलने कि संभवना को छीना जा रहा है साथ ही त्रस्तरीय पंचायतों को मजबूत बनने कि दिशा मे भी कोरी बाते ही की जा रही है | प्रधान चाहते है कि हर घर मे नल और हर नल मे जल योजना जब गाव मे ही चलनी है तो ग्राम पंचायत ही इसका निर्माण कराये | इसके दो फायदे होंगे एक तो पंचायतों को मजबूती मिलेगी और दूसरा प्रवासियों को रोजगार

प्रताप रावत ने कहा कि वे ठेकेदारी प्रथा के विरोधी भी नहीं है वे तो इतना चाहते है कि यदि सरकार इस योजना का निर्माण ठेक्ड़ेदारी प्रथा से कराना ही चाहती है तो उसमे प्रधान की भूमिका बिलकुल न राखी जाय | हालांकि इससे पहले भी ग्राम पंचायतों द्वारा निर्मित योजनाए तुलनात्मक रूप से ज्यादा बेहतर साबित हुई है| वैसे भी इस योजना का निर्माण के बाद रखरखाव तो ग्राम पंचयतों को ही करना है यदि निर्माण भी पंचायत ही करेंगी तो गुणवत्ता बेहतर होगी

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