काशी में नही मिला स्थान तो कालेश्वर से भी लौटे बैरंग।
पालिका के शपथ में ग्रहण बन गया रामलीला मैदान का कूड़ा।
गिरीश गैरोला।
नई पालिका कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण प्रशासन की गले ही हड्डी बन गया है। चुनाव प्रचार के दौरान नगर में कुड़े का डंपिंग ज़ोन और निस्तारण प्राथमिकता में होने के चलते अब लोगो को लगता है कि नए अध्यक्ष के पिटारे से जादुई छड़ी निकलेगी और नगर को कूड़े से निजात मिलेगी।
शपथ स्थल रामलीला मैदान में पड़े कुड़े को फेंकने के लिए जब काशी की भूमि में स्थान नही मिला तो कलेश्वसर की भूमि की तरफ पालिका के तीन ट्रक कुड़े को लेकर झील के पास ट्रक यूनियन के पास जैसे ही पहुँचे स्थानीय लोगो ने यहाँ भी इसका विरोध सुरु कर दिया। थक हार कर इन्हें फिर वापस आकर रामलीला मैदान में खड़ा कर दिया गया। अब रात के घुप्प अंधेरे में इसे कही गंगा शरण किया जा सकता है। जोशियाड़ा निवासी महेश थपलियाल ने स्थानीय लोगो के साथ मिलकर कुड़े के ट्रको को बैरंग वापस लौटने को मजबूर कर दिया।
इससे पूर्व भी पालिका ने कुड़े को रात के समय नालूपानी के पास सड़क से गंगा नदी में उड़ेल दिया था सुबह पता चलने पर यहाँ भी विरोध सुरु हुआ तो पालिका ने कोई नही दिशा पकड़ ली। अब नए बोर्ड को रामलीला मैदान में शपथ लेने के लिए लंबी कसरत करनी पड़ रही है।
इधर गंगोत्री विधायक गोपाल रावत ने बताया कि जनता ने कांग्रेश के मैनिफेस्टो पर विश्वास जताया है वे जनता के फैसले का स्वागत करते है और पालिका के नए अध्यक्ष को बधाई देते है और यदि वे सहयोग मांगेगे तो सरकार उन्हें पूरा सहयोग अवश्य करेगी किन्तु नव निर्वाचित अध्यक्ष को अपने घोषणा पत्र पर काम कर जनता की कसौटी पर खरा उतरना होगा। महे उम्मीद है कि वे जल्द ही नगर में डंपिंग ज़ोन और कूड़ा निस्तारण का समाधान ढूंढ लेंगे।