परिवहन व्यवसायी बोले : ” रिलीज नहीं तो वोट भी नहीं “
प्रदेश में कर्फ्यू हटने के संकेत मिलने के बाद भी अचानक एक सप्ताह के लिए कर्फ्यू बढ़ाये जाने से सभी संगठन हैरान है | व्यापार मंडल , परिवहन और चार धाम यात्रा से जुड़े लोगो को भरोषा था कि इस बार की गाइड लाइन में उनके आर्थिकी सुधरने की दिशा में कोई प्राविधान होगा किन्तु ऐसा न होने पर सभी संगठन एक सुर में सरकार के खिलाफ झंडा डंडा लेकर खड़े हो गए है |
कोरोना कर्फ्यू के बीच राहत नहीं मिलने से नाराज निजी परिवहन व्यवसाई आक्रोश में हैं। उन्होंने दो टूक कह दिया है कि सरकार उनकी मांगों का निस्तारण नहीं करती है, तो वह ‘नो रिलीफ – नो वोट’ की तर्ज पर अब आंदोलन शुरू करेंगे। एक ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने मुख्यमंत्री को अपना सन्देश भेज दिया है ।
उत्तराखंड परिवहन महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय परिवहन कारोबारियों के साथ सोमवार को ARTO कार्यालय पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बताया कि निजी परिवहन व्यवसाय से तकरीबन 10 लाख परिवार जुड़े हैं, लेकिन सरकार की नीतियों की वजह से यह व्यवसाय अब रसातल में पहुंच गया है। जिससे वाहन स्वामियों और चालक व परिचालकों के सामने भुखमरी की नौबत आ खड़ी हुई है।
सुधीर राय ने वाहनों में 50 फीसदी की सवारी के फैसले के मद्देनजर किराए में बढ़ोतरी के जाने, वाहनों के परमिट की अवधि मुफ्त में 2 साल तक बढ़ाने, वाहन स्वामी और चालक व परिचालक को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के अलावा टैक्स में भी छूट दिए जाने की मांग को दोहराया है। मांगों के निस्तारण को लेकर उन्होंने कार्यवाहक आरटीओ पंकज श्रीवास्तव के माध्यम से मुख्यमंत्री को विज्ञापन भेजा।
विजयपाल रावत ( अध्यक्ष , गढ़वाल टैक्सी यूनियन )
सुधीर राय ( अध्यक्ष , उत्तराखंड परिवहन महासंघ )