आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रचर फंड कमेटी की सीएस ने ली बैठक

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देहरादून। मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रचर फंड के सम्बन्ध में राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग कमिटी की प्रथम बैठक आयोजित की गयी। बैठक में मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना है। इस योजना का लाभ अधिक से अधिक किसान ले सकें इसके लिए जागरूकता फैलायी जानी चाहिए।
      मुख्य सचिव ने कहा कि इस फंड का प्रयोग प्रोसेसिंग यूनिट, कोल्ड स्टोर आदि से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। पर्वतीय क्षेत्रों में छोटी जोतें होने के कारण कृषकों को आकर्षित करने के लिए सभी सम्बन्धित विभागों को प्रो-एक्टिव हो कर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि फूड प्रोसेसिंग, फिशरीज, डेरी, मेडिसनल और ऐरोमेटिक प्लांट्स की खेती को फोकस किया जाना चाहिए। मुख्य सचिव ने कहा कि इस योजना की सफलता के लिए सैक्टर स्पेशिफिक होना होगा। प्रदेश में ग्रोथ सेंटर अच्छा कार्य कर रहे हैं। इस योजना में ग्रोथ सेंटर्स को
भी शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मार्केट सर्वे करा लिया जाए, ताकि किन उपजों पर फोकस करना है इसकी जानकारी मिल सके। योजना के क्रियान्वयन से पहले एक गोष्ठी का भी आयोजन किया जाए जिसमें कृषि पंडित एवं उद्यान पंडित जैसे पुरस्कार प्राप्त किसानों के साथ ही इस क्षेत्र से जुड़े सभी विभागों, संस्थानों एवं महानुभावों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक तीन माह में इसके टारगेट की समीक्षा की जाए।
      योजना के अन्तर्गत अगले 04 वर्षों में रू0 785 करोड़ का ऋण वितरित किया जाना है। इस सुविधा के तहत ऋण पर सालाना ब्याज में 03 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इसके तहत किसान, सोसायटी, एफपीओ, एग्री एन्टप्रीन्योर, स्टार्ट-अप, स्वयं सहायता समूह, केंद्रीय अथवा राज्य एजेंसी या स्थानीय निकाय आदि लाभ उठा सकते हैं। योजना में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट्स जैसे- सप्लाई चेन सर्विसेज, ई-मार्केटिंग प्लेटफॉर्म, गोदाम, भूमिगत कक्ष, छँटाई और ग्रेडिंग इकाइयाँ, कोल्ड चेन, प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र आदि गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। इस अवसर पर सचिव हरबंस सिंह चुघ एवं मुख्य महाप्रबन्धक नाबार्ड डॉ. ज्ञानेन्द्र मणी सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

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