कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉक डाउन के कारण महीनों से बंद उरुवा विकास खंड क्षेत्र के रामनगर स्थित मां शीतला धाम अब श्रद्धालुओ के लिए खुल चुका है । माता शीतला का मंदिर होने के कारण महिला दर्शनार्थियों की संख्या यहा ज्यादा रहती है | पुजा अर्चना के लिए मंदिर परिषर मे ही भोग तैयार करने की परंपरा है | मंदिर प्रबंधन की लापरवाही के चलते कूड़े कचरे और गंदगी के बीच ही महिलाए भोजन तैयार करने को मजबूर है | इतना ही नहीं मंदिर परिषर मे शौचालय मे निर्माण के बाद से ही कोई सफाई नहीं हुई है | मीडिया की टीम के आने की सूचना के बाद मंदिर प्रशासन की तरफ से कुछ सफाई कर्मी मौके पर भेजे गए
रामनगर से अंकित तिवारी की रिपोर्ट
कोरोना संक्रमण के चलते कई माह से बंद रहे गर्भगृह के कपाट खुलने के बाद ही श्रद्धालु मां शीतला के भव्य रूप का दर्शन के लिए लोगो की भीड़ उमड़ने लगी है । घंटा-घड़ि़याल व ढोल-नगाढ़े तथा मां के जयकारे से पूरा मंदिर परिसर सुबह से लेकर शाम तक गुंजायमान रहता है । हजारों की तादाद मे श्रद्धालु मां शीतला का दर्शन-पूजा कर मन्नतें मांगते है । मंदिर मे बच्चे का मुंडन करवाना बेहद शुभ माना जाता है | दूर दराज से बड़ी संख्या मे महिलाए यहा पुजा करने आती है मंदिर परिशर मे समूहिक भोज तैयार होता है और शीतला को भोग लगाने के बाद प्रसाद के रूप मे सभी परिवार के लोग इस ग्रहण करते है
सोमवार के दिन श्रद्धालुओं का यहा जमावड़ा लगना शुरू हो जाता है । भक्त सुख, शांति व समृद्धि के साथ ही संतानों के उज्ज्वल भविष्य के लिए मां से कामना करते है ।
भक्त मां को फल-फूल, गुड़हल की माला, नारियल-चुनरी, पूड़ी-लपसी, मिष्ठान अपनी इच्छा अनुसार सोना, चांदी चढ़ाकर मनोकामना पूर्ण होने की विनती करते है ।
मां का दर्शन करने के लिए जनपद के अलावा अन्य जनपदों सेबड़ी संख्या मे श्रद्धालु यहा आते हैं। हालांकि ब्लाक प्रशासन की लापरवाही के चलते महिला श्रद्धालुओं को भारी समस्या से जूझना नीयत बन चुकी है। धूप हो या बरसात के मौसम में खुले आसमान के नीचे प्रसाद बनाने के लिए विवश होती हैं। खुले मे जिस स्थान पर श्रद्धालु बड़ी श्रद्धा के साथ मंदिर के लिए भोग बना रही है उस स्थान पर ही गंदगी का इतना बड़ा अंबार लगा है कि लोग आशीर्वाद से पहले बीमारी और संकर्मण साथ लेकर जाते है | मौके पर मेरु रेबार मीडिया टीम के आने कि खबर लगते ही प्रबंधन ने तत्काल सफाई कर्मी बुलाकर मंदिर परिशर को साफ करना सुरू कर दिया |
इतना ही नहीं मंदिर परिशर मे महिला और पुरुष के अलावा दिव्याङ्ग जनो के लिए भी अलग से शौचालय तो बने हुए है पर इसके अंदर इतनी ज्यादा गंदगी पड़ी है कि इसका उपयोग करने कि बजाय लोग खुले मे ही शौच करना ज्यादा पसंद करते है | हमारे संवाददाता अंकित तिवारी ने मौके पर जायजा लिया – एक रिपोर्ट देखिये