डिजिटल इंडिया के दौर में सुविधाए और किताबे मिल जाए तो सुदूर इलाको के होनहार छात्र भी कैरिएर की दृष्टी से लम्बी छलांग लगा सकते है | कोरोना काल में तो घर गाव में निवास कर रहे लोगो को उनके आसपास ही प्रतियोगी पारीक्ष कि तैयारी कराने के उद्देश से उत्तरकाशी डीएम मयूर dixit ने राजकीय जिला पुस्तकालय का रूपांतरण किया
गुरुवार को जिलाधिकारी श्री मयूर दीक्षित ने जिला पुस्तकालय का दीप प्रज्वलित करते हुए रूपांतरण कर लोकापर्ण किया l
जिलाधिकारी श्री दीक्षित के अभिनव प्रयासों से राजकीय जिला पुस्तकालय उत्तरकाशी में पढ़ने वाले बच्चों के लिए आधुनिक सुविधाओं के साथ पुस्तकालय को नया स्वरूप में दिया गया है ।
इस मौके पर पुस्तकालय में विभिन्न किताबों के रखरखाव को व्यवस्थित रखने को लेकर अध्यापकों व अध्यापिकाओं को जिलाधिकारी द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया l\
उन्होंने कहा कि पुस्तकालय को नया स्वरूप प्रदान करना उन होनहार छात्र -छात्राओं व अन्य लोगों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं में बहुयामी सिद्ध होगा l जो किन्हीं कारणवश या आर्थिक स्थिति से विभिन्न प्रतियोगी किताबों को पढ़ने में वंचित रहते थे l जनपद में शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए अथक प्रयास किये जा रहे l जिलाधिकारी ने कहा कि पुस्तकालय में सीसीटीवी कैमरे व अन्य जिन भी अवश्यकताओं की जरूरत है उन्हें शीघ्र एक माह के अन्दर पूर्ण कर लिया जायेगा l
जानकारी देते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार सेमल्टी ने बताया कि पुस्तकालय में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे – संघ लोक सेवा आयोग, राज्य लोक सेवा आयोग, आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, आईआईटी, एनडीए, सीडीएस, आदि नवीन अध्ययन सामग्री की पुस्तकें पुस्तकालय को जिलाधिकारी के प्रयासों से प्राप्त हो चुकी हैं पुस्तकालय में लगभग 45000 हजार पुस्तकें वर्गीकरण की गई है l ताकि लाइब्रेरी में पढ़ने वाले बच्चों एवं पाठकों को विषयवार किताब आसानी से मिल सकें। मुख्यालय की इकलौती लाइब्रेरी को आधुनिक स्वरूप प्रदान किया गया है ।