हिन्दुओ के आराध्य श्री राम के जीवन पर आधारित महाकाब्य रामायण की रचना करने वाले महर्षि बाल्मीकि जयंती के मौके पर उत्तरकाशी के घराट मोहल्ले मे बाल्मीकि समाज के साथ गंगोत्री के पूर्व विधायक विजयपाल सजवान और नगर पालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल दर्जनो कार्यकर्ताओ के साथ सामिल हुए |

आदिगुरु महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर आज गंगानगर बाड़ाहाट एवं घराट मोहल्ला में स्थित महर्षि वाल्मीकि मंदिर में वाल्मीकि जयंती का आयोजन किया गया। जयंती कार्यक्रम में आज गंगोत्री क्षेत्र के पूर्व विधायक श्री विजयपाल सजवाण जी व नगरपालिका बाड़ाहाट के पालिकाध्यक्ष श्री रमेश सेमवाल जी वाल्मीकि समाज के लोगों के साथ सम्मिलित हुए। यहाँ मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए सजवाण जी ने वाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महर्षि वाल्मीकि जी ने 23 हजार श्लोक वाली विश्व की प्रथम महाकाव्य “रामायण” की रचना की थी, जो इंसान को मर्यादा, सत्य, प्रेम, त्याग, भ्रातृत्व, मित्रत्व,सत्य, धर्म की परिभाषा को निर्धारित करती हैं। महर्षि वाल्मीकि एक महान विद्वान्, संगीतज्ञ, वेदों के ज्ञाता, त्रिकालदर्शी थे. जिन्होंने भारतीय समाज को जाति-पाति से ऊपर उठकर एक सभ्य समाज की परिकल्पना दी। उन्होंने महाकाव्य रामायण के माध्यम से मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम के जीवन मूल्यों को प्रकट किया, और पूरे समाज को एक नयी चेतना और जीवन जीने की शैली प्रदान की। इस मौके पर पालिकाध्यक्ष रमेश सेमवाल जी ने वाल्मीकि मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की।
इस अवसर पर स्थानीय सभाषद कविता जोगेला, कल्पना ठाकुर, अनु0जाति प्रकोष्ठ के शहर अध्यक्ष संतोष शाह सहित वाल्मीकि समिति के अध्यक्ष नारदीप सहदेव, उपाध्यक्ष सतीश टांक, सोहन लाल, प्रदीप सहदेव, नितिन सहदेव, रविन्द्र कुमार, रवि कुमार, अजय कुमार सहित अनेक उपस्थित रहे।