राजनीति जीवन का मकसद नहीं , अब बस मां गंगा की सेवा करने की इच्छा है : उमा भारती फर्रुखाबाद

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फर्रुखाबाद पूर्व सीएम व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा, राजनीति बहुत हुई, यह अब जीवन का मकसद नहीं है, अब बस मां गंगा की सेवा करने की इच्छा है। जीवन का उद्देश्य राजनीति तक सीमित रहना नहीं है। उन्होंने कहा कि जीवन भर मेरा प्रयास होगा कि गंगा की पवित्रता के लिए संघर्ष करूं उन्होंने कहा की भाजपा अभी लम्बे समय तक केंद्र और राज्यों पर राज्य करेगी


शहर के पांचाल घाट स्थित नारायण आश्रम में गंगा कलश यात्रा लेकर पंहुची पूर्व सीएम उमा भारती नें भाजपा नेताओं और जनप्रतिनिधियों से भेट की | इसके बाद वह दुर्वासा ऋषि आश्रम पंहुची और गंगा की पूजा अर्चना के बाद गंगा आरती भी की इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा जनवरी 2020 में गंगासागर पंहुचना था, लेकिन कोरोना के चलते विलम्ब हुआ | उन्होंने विरोधियों पर हमला बोला,

पूर्व सीएम नें कहा कि यूपी के 2017 चुनाव में जो हाल कांग्रेस का हुआ वह आगामी 2022 में सपा और बसपा का भी होगा | यह तीनो पार्टी अपनी करतूतों की सजा पाएगी | सपा व बसपा को पूर्ण बहुमत की सरकार मिली लेकिन दोनों नें सत्ता का दुरूपयोग धन उगाही और अपराध के लिए किया | कांग्रेस नें तो सपा और बसपा के दोनों के दुर्गुण है|

भारत की हालत यह हो गयी है की भारतीय जनता पार्टी ही देश का भविष्य है भाजपा लम्बे समय तक केंद्र और राज्यों पर अपना वर्चस्व कायम रखेगी | अपराधी पर तत्काल कार्यवाही होती है किसी जनप्रतिनिधि का दबाब काम नही करता है |

आर्यन खान मामले में कहा कि देश को ड्रग माफिया से मुक्ति होनी चाहिए उन्होंने कहा कि जीवन का उद्देश्य अब मां गंगा की सेवा करना ही है। मंत्री पद होने के दौरान गंगा के लिए जो योजनाएं बनाई थी, उनको पूर्ण करना ही अब उद्देश्य है उन्होंने सभी लोगों से आह्वान किया, कि वह गंगा पुत्र हैं। गंगा की सेवा के प्रति संकल्पित रहें गंगा की स्वच्छता, निर्मलता, अविरलता को लेकर दूसरों को भी जागृत करें|


उन्होंने कहा कि गंगा को साफ रखनें की जिम्मेदारी केवल सरकार की ही नही हम सभी की है | उन्होंने कहा गंगा नहर नही है , सरकार की बनायी है, यह तपस्या से आयी है संतो नें इसको तपस्या से बनाये रखा उनका प्रयास है की गंगोत्री से गंगासागर तक धारा अविरल निकालनें का प्रयास पर कार्य चल रहा है , क्योकि गंगा एक विशिष्ठ धारा है उसमे एक गुण है |

प्रदुषण से लड़ने का गंगा के तीन प्रकार है | एक वैज्ञानिको की गंगा है, एक पर्यावरण की गंगा और एक आस्था की गंगा है| उन्होंने कहा की सोने में यदि पीतल, तांबा मिला दिया जाये लेकिन सोनें का गुण समाप्त नही हो जायेगा उसी प्रकार गंगा के प्रदुषण से लड़ने का जो गुण है वह समाप्त नही हुआ है जिसे तपस्या से अब तक बनाये रखा गया है|

इसके साथ ही 101 दीपों का दान कि ऋषिकेश से प्रारंभ हुई गंगा कलश यात्रा
गंगा कलश यात्रा ऋषिकेश से प्रारंभ हुई है। यात्रा का समापन 14 जनवरी को मकर सक्रांति के दिन गंगासागर पहुंचने पर होगा। गंगा कलश यात्रा का उद्देश्य गंगा किनारे बसे गांव के लोगों को गंगा की स्वच्छता के प्रति जागरूक करना

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