होटल-ढाबों में सफाई, दामों में पारदर्शिता और कमर्शियल सिलेंडर का इस्तेमाल अनिवार्य; प्रशासन ने कांवड़ यात्रा को बताया ‘आस्था का संगम, लेकिन नियमों से कोई समझौता नहीं!’
🟢 ओपनिंग पैरा (Hook):
कांवड़ यात्रा नज़दीक है… और टिहरी गढ़वाल प्रशासन कमर कस चुका है! तपोवन के एक होटल में बुलाई गई खास बैठक में व्यापारियों को साफ संदेश दे दिया गया — “श्रद्धालुओं की सेवा करो, लेकिन नियम तोड़ने पर बख्शा नहीं जाएगा!”

📰 खबर विस्तार से
🧹 साफ-सफाई पर सख्त हिदायत!
जिला खाद्य पूर्ति अधिकारी मनोज डोभाल ने बैठक में कहा —
“कांवड़ यात्रा सिर्फ आस्था ही नहीं, हमारी जिम्मेदारी भी है। होटल-ढाबों में गंदगी बर्दाश्त नहीं होगी। साफ-सफाई में कोई कोताही नहीं चलेगी!”
💰 मनमानी कीमतों पर लगेगी लगाम!
व्यापारियों को चेताया गया कि मूल्य सूची डिस्प्ले करना अनिवार्य है।
जो होटल या रेस्टोरेंट मनमानी वसूली करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
“भक्तों को लूटने वालों पर प्रशासन की नजर है!”
— मनोज डोभाल
🔥 कमर्शियल सिलेंडर ही चलेंगे!
बैठक में साफ कहा गया कि होटल और रेस्टोरेंट घरेलू गैस सिलेंडर का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
सिर्फ कमर्शियल सिलेंडर ही मान्य हैं, वरना होगी कानूनी कार्रवाई!
👮 बड़े अधिकारी मौके पर मौजूद!
बैठक में उपायुक्त राजेंद्र सिंह रावत, अभिहित अधिकारी प्रमोद रावत, खाद्य सुरक्षा अधिकारी बलवंत सिंह चौहान और बाट-माप विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे।
यानी पूरा प्रशासन सतर्क मोड पर है।
🔊 आस्था का संगम, लेकिन कानून से समझौता नहीं!
कांवड़ यात्रा में लाखों श्रद्धालु टिहरी होते हुए हरिद्वार, ऋषिकेश, देवप्रयाग तक पहुंचते हैं।
ऐसे में प्रशासन ने साफ कर दिया — “आस्था की राह में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं!”
🧭 कॉल टू रिफ्लेक्शन (Powerful Ending):
कांवड़ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं, यह उत्तराखंड की साख और श्रद्धा का संगम है।
लेकिन अगर कुछ लोग इसे कमाई का मौका समझकर श्रद्धालुओं को लूटेंगे, तो कानून की तलवार लटकी रहेगी।
अब सवाल सिर्फ इतना है — इस आस्था के मेले में कौन नियम निभाएगा, और कौन गुनहगार साबित होगा?