चीन सीमा से लगा हुआ उत्तरकाशी जिले का गंगोत्री नेशनल पार्क अपने आप में बेहद खूबसूरत पार्क है
कई दुर्लभ प्रजाति के वन्यजीवों के लिए ये बेहद मुफीद जगह मानी जाती है
शरदियों के 6 महीने जब इस इलाके में बर्फबारी हो जाती है तो पूरा इलाका मानव विहीन हो जाता है इस दौरान वन विभाग यहां कैमरे लगाकर वन्य प्राणियों की गतिविधियों पर नजर रखता है इन्हीं कैमरों से मिली जानकारी के आधार पर ये कहा जा रहा है की गंगोत्री नेशनल पार्क में 50 से अधिक दुर्लभ प्रजाति के हिम तेंदुए मौजूद हैं
भारतवर्ष में सबसे अधिक तेंदुए लद्दाख इलाके में पाए जाते हैं यदि गंगोत्री नेशनल पार्क में इतनी तादाद मे हिम तेंदुए हो गए तो भारतवर्ष में गंगोत्री नेशनल पार्क हिम तेंदुओ की तादाद के मामले में नंबर दो हो जाएगा जो उत्तरकाशी जिले के लिए गौरभ की बात होगी
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गंगोत्री नेशनल पार्क की सीमा पर नीलोंग जदुङ्ग बॉर्डर भी मौजूद है सीमा सुरक्षा और पर्यटन के लिहाज से भारत सरकार की अनुमति के बाद यहां पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो गई है सरकार ने इस इननर लाइन क्षेत्र से बाहर करते रहे पर्यटकों को आवाजही की अनुमति दी है हालांकि अभी चीन सीमा से लगा हुआ क्षेत्र होने के कारण जिला प्रशासन और वन विभाग दोनों की सम्मिलित रूप से अनुमति के बाद ही पर्यटक क्षेत्र में प्रवेश कर पाते हैं
फिलहाल यहां रात्रि विश्राम की कोई व्यवस्था नहीं है नेलोंग और जादूग गांव के पुराने वासियों को ही अपने गांव में जाकर होमस्टे बनाने की अनुमति भारत सरकार ने दी है जिसके बाद पर्यटक इन खूबसूरत गांव में निवास कर बॉर्डर की खूबसूरती का आनंद ले सकेंगे